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हर दिन थोड़ा थोड़ा रोज मेरे करीब आती रहो

हर दिन थोड़ा थोड़ा रोज मेरे करीब आती रहो धीरे-धीरे इतना करीब आ जाओ हमसफर बनकर दूर तक जाना है जो आपका प्यार नहीं मिलेगा तन्हा हम रह जाएंगे

इश्क ऐसा नशा है

इश्क ऐसा नशा है जो हर किसी के पास होता ज़िंदगी खुशियों में गुजरती है जिसके नसीब में प्यार का मिठास होता है सुहाना मौसम प्यार के बिना अपने लिए उदास लगता है

हम कैसे कहे हर इंसान स्वार्थी होता है

हम कैसे कहे हर इंसान स्वार्थी होता है जो उसने किया है उसकी वफ़ा को कभी भुला नहीं सकता अब तक मैं यह सोचता था स्वार्थ के बिना कोई काम नहीं होता मगर आज पहली बार हमारे विचार बदले हैं

मेरे आस-पास रहती है वह आजकल

मेरे आस-पास रहती है वह आजकल, हर वक्त साथ रहती है वह आजकल, खुश रहने लगा हूं मैं आजकल, जिंदगी खुलकर जीने लगा हूं मैं आजकल

उम्र भर चुका नहीं सकता

उम्र भर चुका नहीं सकता उनका इतना एहसान ज्यादा है मदद की है ऐसी घड़ी में जब भाग गए थे सब लोग साथ छोड़ कर आज जिंदा हूं उनकी इनायत है

हम उनको देखे हैं वह अकेले में भी मुस्कुराते हैं

हम उनको देखे हैं वह अकेले में भी मुस्कुराते हैं बीते हुए कुछ अच्छी बातों को सोचकर कभी पूछता हूं उनसे वह किस बात पर मुस्कुराते हैं इधर उधर की बात कहकर सही बात को टाल जाते हैं

तुम्हारे प्यार को पलकों में छुपाकर रखती हूं

तुम्हारे प्यार को पलकों में छुपाकर रखती हूं अपने दीवाने दिल में बसा कर रखती हूं ए मेरे जान मुझसे दूर मत जाना तुम से मेरी जिंदगी तुम से ही अपनी पहचान रखती हूं

कंगाल होते ही व धोखा देकर निकल जाएगी

कंगाल होते ही वह धोखा देकर निकल जाएगी जरा सोच समझकर इश्क करना लाख वादा करके बदल जाएगी आंखों में आंसू लेकर पछताओगे जागते ही सोने वाले सरफिरे आशिक हो भिखारी हो जाओगे तुम्हारे हाथ में कटोरा देकर निकल जाएगी