हम कैसे कहे हर इंसान स्वार्थी होता है जो उसने किया है उसकी वफ़ा को कभी भुला नहीं सकता अब तक मैं यह सोचता था स्वार्थ के बिना कोई काम नहीं होता मगर आज पहली बार हमारे विचार बदले हैं
मेरे आस-पास रहती है वह आजकल, हर वक्त साथ रहती है वह आजकल, खुश रहने लगा हूं मैं आजकल, जिंदगी खुलकर जीने लगा हूं मैं आजकल