कंगाल होते ही वह धोखा देकर निकल जाएगी जरा सोच समझकर इश्क करना लाख वादा करके बदल जाएगी आंखों में आंसू लेकर पछताओगे जागते ही सोने वाले सरफिरे आशिक हो भिखारी हो जाओगे तुम्हारे हाथ में कटोरा देकर निकल जाएगी
हम कैसे कहे हर इंसान स्वार्थी होता है जो उसने किया है उसकी वफ़ा को कभी भुला नहीं सकता अब तक मैं यह सोचता था स्वार्थ के बिना कोई काम नहीं होता मगर आज पहली बार हमारे विचार बदले हैं
इश्क ऐसा नशा है जो हर किसी के पास होता ज़िंदगी खुशियों में गुजरती है जिसके नसीब में प्यार का मिठास होता है सुहाना मौसम प्यार के बिना अपने लिए उदास लगता है